IPL में बढ़ गई है फोर्थ अंपायर की जिम्मेदारी, बल्लेबाजों को रहना होगा सतर्क

आमतौर पर किसी भी क्रिकेट मैच में चार अंपायर होते हैं, जिनमें दो फील्ड अंपायर, एक थर्ड अंपायर, जिसे हम टीवी अंपायर भी कहते हैं और चौथा होता है फोर्थ अंपायर। तीन अंपायरों का काम हम जानते हैं, लेकिन फोर्थ अंपायर को हम बहुत कम एक्टिव देखते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि उसके पास जिम्मेदारी नहीं होती, बल्कि वह कैमरे के पीछे होता है। हालांकि, इस बार भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई ने आईपीएल 202 में फोर्थ अंपायर को अतिरिक्त जिम्मेदारियां दे दी हैं।आईपीएल 2025 से ठीक पहले हुए कैप्टन्स मीटिंग के दौरान कई फैसले लिए गए। इसी दौरान फोर्थ अंपायर की जिम्मेदारियों को भी बढ़ा दिया गया। फोर्थ अंपायर वैसे तो बाउंड्री लाइन के बाहर ही रहता है, लेकिन अब उसे बैट के साइज की जांच करने के लिए भी अधिकृत किया गया है। वह ना केवल मैच के दिनों में, बल्कि अभ्यास सत्रों के दौरान भी बल्ले को चेक कर सकता है। इसके अलावा अंपायर डगआउट में जाने वाले खिलाड़ियों पर नजर रखेगा, खास तौर पर उन गेंदबाजों पर जो अपना ओवर पूरा करने के बाद मैदान छोड़ देते हैं।क्रिकबज के मुताबिक, कैप्टन्स मीट में बीसीसीआई ने जो नोट दिया, उसमें लिखा है, “चौथा अंपायर टीम का एक महत्वपूर्ण सदस्य होता है, जो सीमा पर पीसीटी की आवाज होता है। खिलाड़ियों से अनुरोध है कि वे किसी निर्णय के विरुद्ध किसी भी शिकायत के लिए चौथे अंपायर के पास ना जाएं। चौथे अंपायर को मैच के दिनों और अभ्यास के दिनों में किसी भी समय बल्ले की जांच करने का अधिकार है। वे उन गेंदबाजों पर नजर रखेंगे, जो अपना गेंदबाजी कोटा पूरा करने के बाद मैदान से बाहर चले जाते हैं और वे खिलाड़ी जो आराम करने के लिए मैदान से बाहर जाने के आदी हैं।”इसके अलावा चौथा अंपायर आपातकालीन तीसरे अंपायर के रूप में भी काम करेगा। वह कम से कम छह नई गेंदों वाला एक बॉक्स ड्रेसिंग रूम में ले जाएगा, गेंद के चयन की निगरानी करेगा। वह यह भी सुनिश्चित करेगा कि खेल शुरू होने से पहले और किसी भी अंतराल के दौरान, केवल अधिकृत कर्मचारी, आईपीएल मैच अधिकारी, खिलाड़ी, टीम के कोच और अधिकृत टेलीविजन कर्मियों को ही पिच क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी जाए।