वाह वैशाक! ऐसा छोड़ा ‘इम्पैक्ट’ कि विरोधी कप्तान गिल तक भी हुए मुरीद

आईपीएल में इम्पैक्ट प्लेयर्स का रूल बहुत ही अहम किरदार निभा रहा है। टीमों के लिए इसका इस्तेमाल मैचों पर जबरदस्त इम्पैक्ट दिखा रहा तो कभी-कभी कोई टीम इसका फायदा उठाने में नाकाम रह रही है। इसकी सबसे जबरदस्त मिसाल तो मंगलवार को अहमदाबाद में खेला गया गुजरात टाइटंस बनाम पंजाब किंग्स का मैच है। नजीर ये कि कैसे एक टीम के लिए उसका इम्पैक्ट प्लेयर मैच पर ऐसा इम्पैक्ट छोड़ता है कि विरोधी कप्तान तक उसका मुरीद हो गया। नजीर ये भी कि कैसे एक और टीम का इम्पैक्ट प्लेयर मैच में अपनी कोई खास छाप छोड़ने में नाकाम रहा। डीटेल में करेंगे इसकी बात लेकिन पहले देखते हैं कि आखिर इम्पैक्ट प्लेयर का ये रूल आखिर है क्या।इंडियन प्रीमियर लीग में इम्पैक्ट प्लेयर रूल पहली बार 2023 में इस्तेमाल हुआ। इसके पीछे मंशा ये है कि हर टीम चाहे तो मैच में एक सब्स्टिट्यूट प्लेयर या यूं कहें कि स्थानापन्न खिलाड़ी को जरूरत के हिसाब से मौका दे सके। वैसे क्रिकेट में फील्डिंग को लेकर सब्स्टिट्यूट का कॉन्सेप्ट तो पहले से है। अगर मैच के दौरान कोई प्लेयर जख्मी हो गया, बीमार हो गया या किसी अन्य तार्किक वजह से वह फील्डिंग करने में असमर्थ हो गया तो अंपायर उसकी जगह पर सब्स्टिट्यूट फील्डर की इजाजत देते हैं। ऐसा खिलाड़ी फील्डिंग तो कर सकता है लेकिन उसे गेंदबाजी की इजाजत नहीं होती। वह फील्ड पर कप्तान की तरह बाकी फील्डर्स या गेंदबाजों को कोई निर्देश भी नहीं दे सकता। हां, अंपायर की सहमति से वह विकेटकीपर की भूमिका निभा सकता है। लेकिन इम्पैक्ट प्लेयर बल्लेबाजी या गेंदबाजी कर सकता है। आईपीएल के इम्पैक्ट प्लेयर रूल के मुताबिक टीमों के मैच शुरू होने से पहले अपनी प्लेइंग इलेवन के अतिरिक्त 5 खिलाड़ियों को सब्स्टिट्यूट के तौर पर रखने की इजाजत होती है। मैच के दौरान दोनों टीमों के कप्तानों को इन 5 में से किसी एक प्लेयर को प्लेइंग इलेवन में शामिल किसी एक खिलाड़ी की जगह खेलाने की इजाजत होती है। ये कप्तान पर है कि वह इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर बैटर को लेता है या बोलर को।ये तो रही नियम की बात। अब पंजाब बनाम गुजरात के मैच में इम्पैक्ट प्लेयर रूल किस तरह निर्णायक साबित हुआ, उसे देख लेते हैं। पंजाब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में 5 विकेट के नुकसान पर 243 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। जवाब में गुजरात टाइटंस भी शानदार खेली लेकिन पंजाब के इम्पैक्ट प्लेयर ने फर्क ला दिया। 15वें ओवर में श्रेयस अय्यर ने विजय कुमार वैशाक को बतौर इम्पैक्ट प्लेयर मोर्चे पर लगाया। उन्हें गेंद थमाई। उस समय गुजरात की टीम का स्कोर 14 ओवर में 169-2 था। टीम मजबूत स्थिति में दिख रही थी क्योंकि 14 ओवर में पंजाब की टीम तो महज 139 रन ही बना पाई थी और उसके 4 विकेट भी गिर चुके थे। लेकिन वैशाक ने अपनी सटीक गेंदबाजी और यॉर्कर गेंदों से कमाल कर दिया। पारी के 15वें और अपने पहले ओवर में उन्होंने सिर्फ 5 रन दिए। 17वें यानी अपने दूसरे ओवर में भी सिर्फ 5 रन खर्च किए। हालांकि, अपने तीसरे और टीम के 19वें ओवर में वह थोड़े महंगे जरूर रहे जिसमें 18 रन बने। उन्हें विकेट तो नहीं मिला लेकिन 3 ओवर में सिर्फ 28 रन देकर उन्होंने किफायती गेंदबाजी की। इससे गुजरात पर रिक्वायर्ड रन रेट का प्रेशर इतना बढ़ गया कि निर्धारित ओवरों में वह लक्ष्य से 12 रन पीछे रह गए। दूसरी ओर गुजरात ने भी बल्लेबाजी के दौरान शेरफेन रदरफोर्ड को इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर उतारा। वह संभलकर खेले। एक समय वह 17 गेंदों पर महज 23 रन बनाकर खेल रहे थे। इससे रिक्वायर्ड रन रेट का प्रेशर बढ़ने लगा। बाद में रदरफोर्ड ने अपने हाथ खोले भी लेकिन वह नाकाफी साबित हुआ। उन्होंने 28 गेंदों में 46 रनों की पारी खेली जिसे ठीक तो कहा जा सकता है लेकिन सिचुएशन के हिसाब से अच्छी पारी नहीं कह सकते।मैच के बाद गुजरात टाइटंस के कैप्टन शुभमन गिल ने वैशाक के ‘इम्पैक्ट’ का खास जिक्र किया। उन्होंने कहा, ‘एक इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में मैदान पर उतरना और आते ही यॉर्कर फेंकना आसान नहीं है। करीब 15 ओवर तक बेंच पर बैठे रहने वाले खिलाड़ी के लिए यह कभी भी आसान नहीं होता, लेकिन मुझे लगता है कि जिस तरह से उन्होंने (वैशाक) यॉर्कर गेंदें फेंकी, इसका श्रेय तो उन्हें जाता है।’