करिश्माई क्रिकेटर एमएस धोनी ने ऋतुराज गायकवाड़ को चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की कप्तानी सौंपने के बावजूद पर्दे के पीछे से निर्णय लेने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में प्रासंगिक बने रहने के लिए खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढालने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। चेन्नई की रविवार की रात को खेले गए मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ चार विकेट से जीत के बाद धोनी ने गायकवाड़ के नेतृत्व, अपनी फॉर्म और मौजूदा लीग में की जा रही क्षेत्रीय कमेंट्री के बारे में भी बात की।’मैं अलग नहीं हूं, मुझे ढलना होगा’धोनी ने जियोस्टार से कहा, ‘‘बल्लेबाज अब जोखिम लेने को तैयार हैं। अब बल्लेबाजों का मानना है कि उचित क्रिकेट शॉट्स के साथ वे बड़े स्ट्रोक खेल सकते हैं और साथ ही वे अपने शॉट चयन में सुधार कर रहे हैं फिर चाहे वह तेज गेंदबाज के खिलाफ रिवर्स स्कूप हो, स्वीप हो या तेज गेंदबाज के खिलाफ रिवर्स स्वीप हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘‘मैं उनसे अलग नहीं हूं। मुझे भी खुद को ढालना होगा। जहां मैं बल्लेबाजी कर रहा हूं, वहां मेरे लिए यही जरूरी है। आपको कोशिश करनी होगी और प्रासंगिक बने रहना होगा।’’2024 में गायकवाड़ बने कप्तानधोनी ने कहा, ‘‘हमने जिस तरह से 2008 में टी20 खेला था और जिस तरह से हम पिछले साल आईपीएल में खेले उसमें बहुत अंतर था। पहले विकेट काफी टर्न लेते थे लेकिन अब भारत के विकेट पहले की तुलना में काफी बेहतर बन गए हैं। यह बल्लेबाजों के लिए अधिक अनुकूल है।’’ चेन्नई ने धोनी के कप्तान रहते हुए पांच आईपीएल खिताब जीते, लेकिन उन्होंने 2024 के सत्र से पहले गायकवाड़ को कमान सौंप दी थी। धोनी ने कहा कि हालांकि वह गायकवाड़ के साथ चर्चा करते हैं, लेकिन वह उन पर अपनी सलाह नहीं थोपते हैं।’सच है कि 99 फीसदी फैसले…’उन्होंने कहा, ‘‘ऋतुराज काफी समय से हमारी टीम का हिस्सा हैं। उनका स्वभाव बहुत अच्छा है, वह बहुत शांत हैं, बहुत धैर्यवान हैं। इसलिए हमने उन्हें कप्तान के रूप में चुना।’’ धोनी ने कहा,, ‘‘मुझे याद है कि टूर्नामेंट शुरू होने से पहले, मैंने उनसे यह भी कहा था, अगर मैं आपको सलाह देता हूं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको इसका पालन करना होगा। मैं जितना संभव हो सके दूर रहने की कोशिश करूंगा। बहुत से लोगों को लगा कि मैं पर्दे के पीछे से फैसले कर रहा था। लेकिन सच तो यह है कि वह 99 फीसदी फैसले ले रहे थे।’’ ‘भोजपुरी कमेंट्री में बहुत जोश’धोनी ने आईपीएल की क्षेत्रीय भाषाओं में कमेंट्री के फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने बहुत अधिक क्षेत्रीय कमेंट्री नहीं सुनी है, लेकिन मुझे पता है कि बिहारी (भोजपुरी) कमेंट्री में बहुत अधिक जोश होता है। यह मुझे स्कूल के दिनों की रेडियो कमेंट्री की याद दिलाती है, जहां कमेंटेटर पूरी तरह से खेल में डूब जाते थे। मुझे यह बहुत दिलचस्प लगता है।’’
